DNA Ki Khoj Kisne Ki: आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है की डीएनए की खोज किसने की है और कब की है अगर आप यह सब जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर से पढ़े जिससे आपको डीएनए के बारे में सभी जानकारी मिल जायगी ।
आपने कभी ना कभी डीएनए के बारे में सुना या फिर किताबो में इसके बारे में पढ़ा होगा और बहुत से पुलिस केस में डीएनए की मदत से केस को सुलजाया जाता है ।
डीएनए एक अनुवांशिक पदार्थ है जो अपने माता-पिता से विरासत में प्राप्त, प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में मौजूद होता है । डीएनए गुणसूत्रों की संरचना में और माइटोकॉन्ड्रिया में कोशिका के केंद्रक में स्थित होता है ।
डीएनए क्या होता है ?
डीएनए एक दोहरे Spiral के आकार का होता है जो एक साथ मजबूती से जुड़ा होता है। डीएनए का एक अणु चार अलग-अलग वस्तुओं से बना है जिन्हें न्यूक्लियोटाइड कहते है। हर न्यूक्लियोटाइड एक नाइट्रोजन युक्त वस्तु है। इन चार न्यूक्लियोटाइडोन को एडेनिन, ग्वानिन, थाइमिन और साइटोसिन कहा जाता है।
इन न्यूक्लियोटाइडों से युक्त डिऑक्सीराइबोस नाम का एक शक्कर भी पाया जाता है। इन न्यूक्लियोटाइडों को एक फॉस्फेट की अणु जोड़ती है। न्यूक्लियोटाइडों के सम्बन्ध के अनुसार एक कोशिका के लिए अवश्य प्रोटीनों की निर्माण होता है। अतः डी एन ए हर एक जीवित कोशिका के लिए अनिवार्य है।
डीएनए को Electron Microscope से देखा जाय तो यह सीढ़ीनुमा वस्तु के समान दिखाई देता है और यह एक स्प्रिंग के जैसे मुड़ा हुआ होता है । इसमें दो स्टैंड होते हैं जो एक साथ व्यवस्थित हो जाते हैं और एक विशेष आकार में बदल जाते हैं । इन दोनों के संगठन को डीएनए डबल हेलिक्स के नाम से जाना जाता है ।
डीएनए का फूल फार्म क्या है ?
अगर डीएनए की फुल फॉर्म की बात करे तो Deoxyribonucleic Acid होता है और हिंदी में इसे डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल कहा जाता है ।
डीएनए की खोज किसने की और कब की थी ?
सबसे पहले 1869 में डीएनए की पहचान Johann Friedrich Miescher ने की थी और उन्होंने इसका नाम न्यूक्लिन रखा” इसके बाद 1881 में अल्ब्रेक्ट कोसेल ने न्यूक्लिक एसिड की तरह न्यूक्लिन पाया, फिर इसे “डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड” नाम दिया गया ।
डीएनए को 5 भागो में बाँट दिया एडिनाइन (ए), साइटोसिन (सी), गुआनिन (जी), थाइमिन (टी) और Uracil (यू),इस काम के लिए, इसे 1910 में नावेल प्राइज भी मिला।
1951 में James Watson और Francis Crick सबसे पहले ने डीएनए की आणविक संरचना को पहचाना था और 1962 में Watson, Crick, और Wilkins को भी नावेल पुरस्कार दिया गया ।
डीएनए की खोज जीव विज्ञान के क्षेत्र की एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण खोज साबित हुयी । ये मनुष्य की आने वाली पीढ़ियों में गुणों को निश्चित करता है । पृथ्वी पर मौजूद हर जीवित कोशिका में डीएनए पाया जाता है।
डीएनए से जुड़े रोचक तथ्य
- केवल 1 ग्राम डीएनए 700 Terabyte तक की जानकारी Store कर सकता है ।
- किसी माता-पिता और उनके बच्चों का डीएनए 99.5% एक जैसा ही होता हैं ।
- मनुष्य का डीएनए 50 % तक गोभी और केले से मिलता है।
- पूरी दुनिया में जितना भी Data इंटरनेट पर उपलब्ध है उसे Store करने के लिए 2 ग्राम डीएनए पर्याप्त होगा।
- हमारे शरीर में हर दिन करीबन 1,000 से 10 लाख बार डीएनए नष्ट होता है और फिर दुबारा बन भी जाता है।
- सूरज से आने वाली UV किरणे हमारे DNA को नस्ट कर सकती है जिससे म्युटेशन हो जाता है और ये कैंसर का एक बड़ा कारण बन सकता है ।
- डीएनए का परीक्षण खून, गाल की कोशिका और मूत्र के सैंपल से किया जाता है।
- अगर एक व्यक्ति के डीएनए को एक के बाद एक जोड़ते जाए तो इससे इतनी दुरी कवर होगी जितना की 600 बार धरती से सूरज पर जाने और फिर वापस आने में होगी ।
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना हैं कि आदमी का डीएनए बिना रीढ़ की हड्डी वाले जीवों में सबसे ज्यादा कीचड़ के कीड़ों से मिलता-जुलता हैं।
- हमारे सेक्स कोशिका जैसे Egg और Sperm में हमारी कुल डीएनए का आधा डीएनए होता है।
- सबसे पहले स्विस के चिकित्सक फ्रैड्रिक मॉइस्चर ने 1869 में डीएनए का पता लगाया था, मगर उस समय उन्हें ये पता नहीं था की डीएनए ही Genetic Material है ।
- हमारे शारीर की कोशिका में RNA (Ribonucleic Acid ) भी होता है जो डीएनए के आदेश पर Proteins बनाता है।
- सभी मनुष्यो के डीएनए में 99.9% समानता होती है और हमारा डीएनए चिम्पांजी से 98% तक मिलता जुलता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डीएनए की खोज सन् 1953 में दो वैज्ञानिकों, जेम्स वॉटसन (James Watson) और फ्रांसिस क्रिक (Francis Crick) ने की थी। इस खोज के लिए उन्हें 1962 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
डीएनए की फुल फॉर्म की बात करे तो Deoxyribonucleic Acid होता है और हिंदी में इसे डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल कहा जाता है ।
अंतिम शब्द
उम्मीद है की आपको यह पता चल गया होगा की डीएनए की खोज किसने की और कब की थी । तो आपको बता दू की सबसे पहले 1869 में डीएनए की पहचान Johann Friedrich Miescher ने की थी और उन्होंने इसका नाम न्यूक्लिन रखा” था ।
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