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Fastag क्या होता है और इसके क्या लाभ हैं | What is Fastag ?

FASTag क्या है: 16 फरवरी 2021 को परिवहन विभाग द्वारा Fastag compulsory कर दिया है। अब आपको highway पर toll को पार करने के लिए Fastag system का प्रयोग करना होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस समय Fastag user दो करोड़ से ज्यादा हो चुके हैं। जल्द ही यह संख्या आपकी बढ़ने वाली है।

Fastag क्या होता है

भारत सरकार को National Highway पर Fastag system से प्रतिदिन 80 करोड़ की कमाई होती है।Fastag system से revenue collection का काम National electronic toll collection (NETC) करता है। आइए आज की पोस्ट में हम What is Fastag in hindi मे जानकारी प्राप्त करेंगे।

FASTag क्या है ?

Fastag, एक ऐसा सिस्टम है जो सड़क पर चलने की एवज में आपसे पैसे online रूप से काटता है।Fastag system आपको प्रत्येक toll पर देखने को मिल जाएगा। आजकल हर 50 – 70 किलोमीटर के बीच toll मिलता है। Fastag का मोटो easy to Cruise होता है।

Fastag कैसे काम करता है?

Fastag system के जरिए आपके online रूप से पैसे काट लिए जाते हैं। जैसे  Delhi Metro मे आप smart card यूज करते हैं। जैसे आप Metro मे smart card लगाते हैं तो मेट्रो में लगे Gate खुल जाते हैं।ऐसे ही फास्टैग काम करता है।

  •  जब आप Fastag बनवाते हैं तो 500, 1000 रूपये का उसमें recharge करवाना पड़ता है।सरकार के द्वारा यह सोचा गया कि क्यों ना ऐसा card बनवाया जाए जो गाड़ियों के लिए हो।
  • पहले आपने देखा होगा कि toll देने के लिए गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइने लगती थी। लेकिन Fastag आ जाने के बाद अब टोल पर जाम की समस्या पूरी तरह खत्म हो चुकी है।
  •  Fastag गाड़ियों की windshield पर लगाए जाते हैं। दिल्ली मेट्रो में तो आपने देखा होगा कि आपको अपना smart card गेट पर सटाना पड़ता है। लेकिन Fastag system मे टोल के ऊपर scanner लगा होता है। जो आपके गाड़ी पर लगे Fastag को दूर से ही scan कर लेता है और आपके अकाउंट से आपके पैसे कट जाते हैं।
  • Fastag आपकी गाड़ी के windshield पर बीच में लगाया जाता है। कयोंकि साइड में लगाने पर यह work नहीं करता है। अगर आपके फास्ट टैग मे पैसा नहीं है तो toll का गेट नहीं खुलेगा। इसलिए आपको अपने Fastag को recharge करवाते रहना चाहिए।
  • Fastag एक सिम कार्ड की तरह है। जिसमें minimum recharge 100 रुपए तथा maximum recharge 1 लाख रुपए है। सरकार अब यह सुविधा देने जा रही है कि आप Fastag को अपने account से जोड़ सकते हैं। जिससे बार-बार रिचार्ज करवाने का झंझट खत्म हो जाएगा।

RFID Technology पर काम करता है Fastag

Fastag radio frequency identification device(RFID) पर काम करता है। यानी इसमें लगी device frequency छोड़ती है। जिसको toll पर लगा scanner scan  कर लेता है। इसमें मुख्यता दो device लगी होती हैं।

  •  Passive device : इसके अंतर्गत battery नहीं होती है। जैसे कि sim card होता है। यह fast tag मे लगा होता है।
  •  Active device : इसमें बैटरी लगी होती है। जोकि toll के ऊपर लगा होता है। जिसको हम scanner बोलते हैं।

 जैसे ही आप toll line  मे पहुंचते हैं तो वहां पर breaker लगा होता है। जो रुकने के लिए नहीं होता है। बल्कि जब आप की speed कम हो जाती है तो scanner आपकी गाड़ी पर लगे fast tag को स्कैन कर लेता है।तुरंत आपके पैसे कट जाते हैं। इससे ना तो आपकी गाड़ी रूकती है और ना ही जाम लगता है।

Fastag के benefits क्या क्या है ?

  • Fastag का सबसे बड़ा फायदा time saving है। पहले toll पर लंबी-लंबी लाइने लगती थी। क्योंकि किसी के पास खुल्ले पैसे नहीं होते थे। साथ ही जाम की वजह से fuel बहुत बर्बाद होता था। जिससे बहुत ज्यादा pollution फैलता था।
  •  आपके पहले ज्यादा पैसे खर्च होते थे। जब आप लंबी-लंबी लाइनों में खड़े रहते थे। तो आपका जाम में ज्यादा fuel  जाता था।
  • Fastag system आपकी गाड़ी को track करता है। जैसे मान लो आपने toll पार किया। तो आपको मैसेज आएगा कि आपके इतने पैसे कट गए हैं। अभी आपने यह टोल पार किया है। इससे आपकी गाड़ी पर आपकी नजर रहेगी।
  • Fastag system से सरकार ने manpower को कम किया है। क्योंकि  जब ज्यादा लोग होते थे तब ज्यादा corruption होता था। उसके साथ ही पहले रात में toll के आसपास बहुत लूटपाट होती थी। क्योंकि toll worker के पास  बहुत सारा पैसा होता था। लेकिन सब online होने से अब लूटपाट की  कोई समस्या भी नहीं है।

Fastag कितने प्रकार के होते हैं?

Fastag सात प्रकार के color के होते हैं। जोकि 2 category मे बांटे जाते हैं।

  • M category : इसके अंतर्गत personal car आती है। जिसमें white colour की नंबर प्लेट होती है। ऐसी गाड़ियों में  violet colour का Fastag लगा होता है।
  • N category : इसके अंतर्गत commercial यानी भाड़ा ढोने वाले वाहन आते हैं। जिसमें 6 प्रकार के वाहन शामिल हैं।
  •  Commercial : इसमें Fastag orange colour का होता है।
  •  Axle 2 : इसका Fastag green colour का होता है। यह भारी गाड़ियों के लिए प्रयोग होता है।
  • Axle 3: इसका Fastag yellow colour का होता है।
  • Axle 4,5,6 : इसमें Fastag pink colour का होता है।
  • Axle 7 : इसका Fastag sky blue colour  का होता है।
  • Machine : जैसे कि JCB उनका Fastag black colour का होता है।

नोट :  आपकी जानकारी के लिए बता दें कि axle दो टायरों को जोड़ने वाले बीच के भाग को कहते हैं।

Fastag System की कुछ खामियां

  •  कभी-कभी scanner मे technical problem आ जाती है। ऐसा हर सिस्टम में होता है। जिससे fastag work नहीं करता है।
  •  fastag को हम गाड़ी के अंदर से चिपकाते हैं। क्योंकि अगर बाहर चिपकाया तो बारिश धूप उसको खराब कर सकती है। लेकिन car जब ज्यादा overheat हो जाती है तो अंदर से भी fasting memory काम नहीं करती है।
  •  सरकार नया नियम यह लाई है कि अगर आप fastag line मे है। आपके पास fastag नहीं है तो आपको double charge देना पड़ेगा।
  •  इसके अलावा local peoples के लिए यह परेशानी है कि उनको टोल से बार बार आना जाना पड़ता है। जिससे उनका बार-बार  पैसा कटता है। सरकार उनके लिए भी नई व्यवस्था लाई है।
  •  साथ ही एक बड़ी समस्या यह आ रही है कि लोग cloning and privacy का शिकार हो रहे हैं। जैसे आपका Fastag बना हुआ है। आपके Fastag की cloning किसी दूसरे ने करा ली। तो जब भी वह अपनी गाड़ी toll से पार करेगा पैसा आपका कटेगा।
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FAQ

Q : FASTag क्या है ?

Ans : फास्टैग एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन का एक आसान और सहज तरीका है।

Q : फास्टैग कंपनी किसकी है?

Ans : FASTag भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा चलाया किया जाता है।

Q : Fastag की शुरुआत कब हुई?

Ans : Fastag की शुरुआत 2016 में हुई थी।

आखिरी शब्द

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Naresh Kumar
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