हेलो दोस्तों, आज हम आपको IFS की फुल फॉर्म के साथ साथ, अन्य जानकारियों से भी परिचित करवाएंगे। जिसमें आई एफ एस क्या है? IFS का इतिहास क्या है? IFS vs IAS मे बेहतर कौन सी पोस्ट है? चलिए देर न करते हुए, हम अपनी पोस्ट की शुरुआत करते हैं।
IFS की फुल फॉर्म क्या है?
आई एफ एस की फुल फॉर्म अंग्रेजी भाषा में Indian Foreign Service है। जिसको हिंदी भाषा में भारतीय विदेश सेवा कहां जाता है। जोकि प्रमुख Central civil services मे से एक है।
IFS क्या होता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आईएफएस प्रशासनिक राजनयिक सेवा है। जिसके लिए हर साल Union Public Service Commission( UPSC) notification जारी करता है। यह सेवा group A gajeted पोस्ट होती है। जिसमें चयनित हो जाने पर उम्मीदवार, officer के रूप में विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के सभी बाहरी मामले इन IFS officer द्वारा ही देखे जाते हैं।
IFS का इतिहास क्या है?
भारतीय विदेश सेवा का इतिहास बहुत पुराना है। जिसकी स्थापना East India Company द्वारा 1783 मे की गयी थी। हालांकि आज के रूप में IFS 9 अक्टूबर 1946 को आया था। जिस की उपयोगिता सरदार वल्लभभाई पटेल ने समझी और इसको जारी रहने दिया। क्योंकि उन दिनों यह यह भी आरोप लगे थे कि British हुकूमत की सारी चीजों को समाप्त कर दिया जाए। लेकिन इसकी importance को देखते हुए, इसको आगे भी रहने दिया।
IFS के लिए अनिवार्य योग्यताएं
आई एफ एस के लिए अनिवार्य योग्यताएं इस प्रकार है।
- आवेदन करने वाले उम्मीदवार graduate होना चाहिए और उसके द्वारा यूपीएससी की परीक्षा पास की हुई होनी चाहिए।
- आवेदन करने के लिए age limit 21 वर्ष से 32 वर्ष तक होनी चाहिए। हालांकि यह आयु सीमा सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए है। जबकि reserve category के उम्मीदवारों के लिए 3 से 5 साल की छूट का प्रावधान है।
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि UPSC की परीक्षा general category 6 बार, OBC category 9 बार और SC/ST category ( की कोई लिमिट नहीं है।) परीक्षा दे सकते हैं।
IFS की परीक्षा कैसे होती है?
आई एफ एस की परीक्षा अलग से नहीं होती है। UPSC combined रूप से बहुत सारी services की परीक्षा एक साथ लेता है। जिसमें rank wiseऔर preference wise उम्मीदवार को सर्विस मिलती है। इस परीक्षा में सबसे पहले prelims, फिर mains और फिर इंटरव्यू होता है। सभी section मे qualify करने वाले उम्मीदवारों को ही service दी जाती है।
IFS officer की रैंक कौन कौन सी होती है?
आई एफ एस अधिकारी का प्रमोशन निर्धारित अवधि में होता रहता है। हम आपको नीचे IFS officer ही रैंक दे रहे हैं।
- Third secretary officer
- Second secretary officer
- First secretary officer
- Counselor
- Minister
- Deputy high Commissioner
- Ambassador
आई एफ एस ऑफिसर पहली से लेकर सातवीं तक promotion करता है। सबसे बाद में ही वह दूसरे देशों में भारत का राजदूत बनता है।
IFS officer vs IAS officer कौन बेहतर है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आईएएस और आई एफ एस ऑफिसर, दोनों का exam यूपीएससी एक साथ ही लेती है। जिसकी टॉप रैंक होती है, वो IFS officer बनता है। हालांकि आईएएस और आई एफ एस ऑफिसर में कोई भिन्नता नहीं है। दोनों group A level के अधिकारी होते हैं।
दोनों की सैलरी लगभग बराबर होती है। जहां IAS officer देश के भीतर सेवा करता है। वही IFS officer देश के बाहर सेवा करता है। दोनों पोस्ट अपने आप में बेहतरीन है।
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FAQ
Ans : आई एफ एस की फुल फॉर्म अंग्रेजी भाषा में Indian Foreign Service है। जिसको हिंदी भाषा में भारतीय विदेश सेवा कहां जाता है।
Ans : IFS आईएफएस बनने के लिए आपको एक परीक्षा देना होगी इसका नाम संघ लोक सेवा आयोग Union Public Service Commission है । आपको इस परीक्षा को अच्छे अंको से पास करना होगा तब आप IFS आईएफएस बन सकते है ।
अंतिम शब्द
उम्मीद है की आपको IFS की फुल फॉर्म के बारे में पता चल गया होगा और अगर आपको IFS के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और कोई सवाल है तो निचे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते है ।