बैंक अकाउंट होना आज हर व्यक्ति की अहम जरूरत बन चुका है । वेतनभोगी इंप्लॉई से लेकर किसान और गृहणियों व स्टूडेंट से लेकर कारोबारियों तक को बैंक अकाउंट की जरूरत रहती ही है. हर बैंक में दो तरह के खाते खोले जाते हैं- Saving और Current अकाउंट भले ही इन दोनों अकाउंट का इस्तेमाल डिपॉजिट और ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता हो लेकिन ये दोनों समान नहीं हैं. इन दोनों अकाउंट में काफी अंतर है ।
Saving Account और Current Account में क्या अंतर है ?
सेविंग अकाउंट (बचत खाता)
आम लोगों के निजी लेनदेन का निपटारा करने के लिए ये खाता काम में लिया जाता है लेकिन इस खाते पर लेनदेन की कुछ सीमायें होती हैं। सामान्यतया एक बचत खाते से एक दिन में अधिकतम 5 ट्रांजेक्शन किये जा सकते हैं।
बचत खाता रखने वालों को बैंक चेक बुक, डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधाएँ देता है जिनमें से ज़्यादातर सर्विसेज फ्री होती हैं।
आप बैंक द्वारा मिली इन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं, जैसे मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग के ज़रिये ज़रूरी बिलों का भुगतान कर सकते हैं, फण्ड ट्रांसफर कर सकते हैं, ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं और डेबिट कार्ड के जरिये शॉपिंग और खाते में से पैसे निकालने जैसे काम कर सकते हैं।
सेविंग अकाउंट में जमा धन राशि पर बैंक ब्याज भी देता है, और ब्याज की दर ज़्यादातर बैंकों में 4 से 6 परसेंट होती है। ऐसे में बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवाने से पहले, ये पता कर लेना फायदेमंद रहता है कि बैंक कितना ब्याज दे रहा है। बचत खाते के ब्याज पर टैक्स भी लगता है लेकिन 10 हजार रुपये सालाना ब्याज पर टैक्स में राहत का प्रावधान भी है।
आमतौर पर सेविंग अकाउंट में न्यूनतम राशि रखने की शर्त होती है जो सरकारी और निजी बैंकों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित होती है।
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करंट अकाउंट (चालू खाता)
सेविंग अकाउंट जहाँ आम लोगों के लिए होता है, वहीँ करंट अकाउंट खासतौर पर कारोबारियों के लिए होता है। इस तरह के खाते में लेनदेन की कोई सीमी नहीं होती है यानी एक दिन में कितनी भी बार ट्रांजेक्शन किया जा सकता है।
करंट अकाउंट में जमा राशि पर, सेविंग अकाउंट की तरह ब्याज नहीं मिलता है लेकिन इस खाते की एक बहुत बड़ी खूबी ये है कि इसके जरिये बैंक कारोबारियों को पैसे मुहैया कराता है ताकि उनके कारोबार में कोई रूकावट ना आये।
चालू खाते की एक और खासियत ये है कि इस खाते के ज़रिये व्यापारी, इसमें मौजूद धन राशि से ज़्यादा पैसा भी निकाल सकते हैं यानी चालू खाते में ओवरड्राफ्ट की सुविधा बैंक द्वारा दी जाती है। किसी चालू खाते से कितनी राशि ओवरड्राफ्ट की जा सकती है इसका निर्धारण बैंक उस खाताधारक के टर्नओवर और मुनाफे जैसी बातों को ध्यान में रखकर तय करता है।
इस खाते को कोई व्यक्ति निजी रूप से या जॉइंट खाते के रूप में खोल सकता है। चालू खाते कंपनियों, ट्रस्टों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सोसायटियों और प्राधिकरणों द्वारा खोले जाते हैं। करंट अकाउंट पर बैंक द्वारा ऐसी कई सुविधाएँ दी जाती है जिससे खाताधारक कंपनियों और संस्थाओं को अपने कामकाज में सरलता हो।
बैंक द्वारा दी जाने वाली ऐसी सुविधाओं में एनईएफटी से फंड ट्रांसफर, डोर स्टेप बैंकिंग, डिमांड ड्राफ्ट या पे आर्डर जारी करना, मुफ्त कैश डिपॉजिट और चेक कलेक्शन और पेमेंट शामिल हैं। दोस्तों, चालू खाते और बचत खाते से जुड़ी सामान्य, लेकिन ज़रूरी जानकारी अब आपको मिल चुकी है।
उम्मीद है जागरूक पर सेविंग अकाउंट और करेंट अकाउंट में क्या अंतर होता है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।
सेविंग और करंट अकाउंट में अंतर ( Saving Account Vs Current Account In Hindi)
सेविंग अकाउंट पर बैंक के द्वारा उसपर पर ब्याज मिलता है जबकि, करंट अकाउंट पर ये सुविधा उपलब्ध नहीं है । सविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस होना जरुरी है जबकि, करंट अकाउंट में न्यूनतम राशि का होना आवश्यक नहीं है ।
सेविंग अकाउंट में पैसे निकलने की लिमिट तय होती है अगर आप उस तय लिमिट से पैसा निकालते है तो बैंक आपसे सर्विस चार्ज करती है जबकि, करंट अकाउंट में आप एक दिन में कितनी भी बार पैसा निकाल और जमा कर सकते है वह भी बिना कोई बैंक सर्विस चार्ज दिए ।
अगर आपका बिजनेस या कोई व्यवसाय है तो लेन-देन के लिए करंट अकाउंट बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि बैंक करंट अकाउंट खाताधारक को बहुत सी सुविधाएं देता है जबकि सेविंग अकाउंट में ऐसा नहीं है ।
FAQ
Ans : बचत को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए एक बचत खाता खोला जाता है। चालू खाता एक नियमित या लगातार लेन-देन की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया जाता है। बचत खाता किसी भी व्यक्ति के लिए आदर्श विकल्प है जो वेतनभोगी कर्मचारियों की तरह स्थिर या नियमित आय अर्जित करते हैं ।
Ans : Saving Account क्या होता है? Saving Account एक जमा खाता होता है जिसे आप किसी भी सरकारी या गैर सरकारी बैंक में खुलवा सकते है यहाँ पर आप अपने बचे हुए पैसे को जमा कर सकते है या महीने भर खर्चे करने के लिए भी पैसे जमा कर सकते है या निवेश भी कर सकते है ।
Ans : करंट अकाउंट की एक minimum monthly balance limit होती हैं जिसमे आपको कम से कम उस लिमिट जितने पैसे अपने अकाउंट में रखने ही होते हैं। ये लिमिट ज्यादातर बेंको में 5000 से 10000 रूपये की होती हैं। एक ख़ास बात इस खाते की जो है की इसमें बैंक कोई ब्याज (interest) नहीं देता बल्कि कुछ खातो में कुछ सर्विस चार्ज लिया जाता हैं ।
Ans : चालू खाता – Current Account.
बचत खाता- Savings Account.
आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account.
सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account.
Ans : बचत खाते (सेविंग्स अकाउंट), खुदरा वित्तीय संस्थाओं द्वारा बनाये रखे जाने वाले खातों को कहते हैं जो ब्याज तो प्रदान करते हैं लेकिन जिन्हें सीधे तौर पर धन के रूप में (उदाहरण के लिए, एक चेक लिखकर) इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है ।
Ans : कमर्शियल बैंक
स्मॉल फाइनेंस बैंक
पेमेंट बैंक
सहकारी बैंक
Ans : इसलिए बचत खाता होना जरूरी है. बैंक इन बचत खातों में पैसा रखने की एवज में ब्याज भी देते हैं. यह ब्याज 2.7 फीसदी से 4 फीसदी तक या कुछ बैंकों में इससे भी ज्यादा हो सकते हैं. आमतौर पर ज्यादातर प्रमुख बैंक 2.7 फीसदी से 4 फीसदी के बीच ब्याज दे रहे हैं ।
Saving Account और Current Account में क्या अंतर है ? – Video
CONCLUSION
उम्मीद करता हु की आपको पता चल गया होगा की सेविंग बैंक अकाउंट और करंट बैंक अकाउंट में क्या अन्तर होता है और अगर आपको यह आर्टिकल्स पसंद आया तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले और अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है ।